Sunday, December 12, 2010

कैसे बताऊँ तुम्हें?...............


मेरे प्यार की गहराई बढती जाती है लगातार
इसी के साथ पवित्र होती जाती हैं मेरी भावनाएं.
पल-दर-पल,समय-दर-समय,
जिंदगी आसान  सी होती जाती है
और मैं ये कह सकता हूँ कि
तुम्हारे लिए मेरा प्यार बढ़ता ही जाता है.

हमने संजोये बहुत से सपने और
उन्हें सच कर दिखाया.
हर क़दम के साथ हमारी नजदीकियां बढती गयी
और आज मेरे दिल में तुम हो....बस तुम.

अगर वाकई मापना चाहते हो
मेरी सच्चाई !
तो देखो मेरी आंखों में,
जो देंगी गवाही
और तुम वाकई जान जाओगे कि
मुझे तुमसे प्यार है.

मेरा प्यार तुम्हारे लिए नित नई आभा धरता है
हर सुबह नई आशा के साथ उगता सूरज
नये दिन के लिए नई आशा,
नई ख़ुशी लेकर आता है.
मेरे जीवन का वो नया सूरज तुम हो,
जो हर पल को नई खुशियों से भर देते हो.

मेरा प्यार तुम्हारे लिए भोर की अछूती किरण
की तरह पवित्र है और उसी की तरह सच्चा भी.
जैसे एक फूल की खुशबू,
ओह्ह ! कितने-कितने तरह से मैं तुम्हें चाहता हूँ........
कैसे बताऊँ तुम्हें?


V .B. Series.

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